
चीन की टेक कंपनियों में जारी 996 वर्क कल्चर (996 work culture) के खिलाफ चीनी नागरिकों में भारी आक्रोश है। 996 वर्क कल्चर का मतलब है सप्ताह में 6 दिन 9 बजे सुबह से 9 बजे रात तक काम। अधिक काम के दबाव, कम सैलरी और अपने साथ होने वाले भेदभाव के कारण टेक कंपनियों, खासकर ई-कॉमर्स सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी आत्महत्या कर रहे हैं या काम करते-करते उनकी जान जा रही है। कोरोना महामारी ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। चीन में आईटी सेक्टर कर्मचारियों के लिए तनाव वाला बन गया है।
कोरेना वायरस महामारी के दौरान चीन में लाखों परिवार घरों में कैद रहे। इससे ज्यादातर सामान होम डिलिवरी होने लगी। ई-कॉमर्स सेक्टर के कर्मचारियों ने गलाने वाली सर्दी में भी टनों सब्जी, चावल, मांस और अन्य फूड आइटम्स की आपूर्ति की। उनके मालिक तो अमीर होते गए, लेकिन कर्मचारियों के घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया। चीन में ई-कॉमर्स कर्मचारी अपनी सैलरी और खुद के साथ हो रहे बर्ताव से इतने नाखुश हैं कि आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में अलाबाबा ग्रुप के एक कर्मचारी ने विरोध जताते हुए आत्मदाह (self-immolation) कर लिया, हालांकि वह अभी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।
12 घंटे से अधिक काम करते हैं कर्मचारी
टेक कंपनियों में व्हाइट कॉलर जॉब करने वाले कर्मचारियों की सैलरी अन्य इंडस्ट्रीज से अच्छी है, लेकिन कर्मचारियों को हर रोज 12 घंटे से अधिक काम करना होता है। कर्मचारियों की इस दुर्दशा पर लोगों का ध्यान उस समय गया जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पिंडडूओ (Pinduoduo) के दो कर्मचारियों की मौत हो गई। चीनी सोशल मीडिया पर बात होने लगी कि अधिक काम करने की वजह से इन कर्मचारियों की मौत हुई है। इसके बाद इसे चिंता की बात बताते हुए सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने काम के घंटे कम करने की वकालत की है।
आत्मदाह का वीडियो वायरल
अलीबाबा ग्रुप की ई-कॉमर्स कंपनी Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने सैलरी नहीं मिलने के कारण आत्मदाह कर लिया। चीनी सोशन मीडिया पर वायरल हुए इस आत्मदाह के वीडियो में दिख रहा है कि Ele.me के एक डिलिवरी ड्राइवर ने अपने पैसों की मांग करते हुए खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा लिया। लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और लुई जिन नाम के इस ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया जहां उसका इलाज चल रहा है। इसी तरह एक 45 वर्षीय लॉरी ड्राइवर ऑर्डर डिलिवरी करते हुए मर गया। वहीं, काम के बोढ के कारण Pinduoduo के एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर लिया वहीं, दूसरे की काम करते हुए जान चली गई। इन घटनाओं के कारण चीनी टेक कंपनियों के खिलाफ नेटीजंस में आक्रोश है।
दयनीय है डिलिवरी करने वाले ड्राइवरों की स्थिति
चीनी की ई-कॉमर्स कंपनियों में ऑर्डर की डिलिवरी करने वाले ड्राइवरों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। उन्हें हर रोज कम से कम 12 घंटे काम करना होता है और एक बार डिलिवरी करने के बदले 10 युआन यानी 1.55 डॉलर से कम मेहनताना मिलता है। वहीं, ऑर्डर में देरी होने पर ड्राइवरों पर 1 युआन की पेनाल्टी लगाई जाती है। अगर कस्टमर ने शिकायत कर दी तो ड्राइवरों पर 500 युआन यानी 77.30 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही ऐसे कर्मचारियों को फुल-टाइम कर्मचारी की तरह मेडिकल इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। यह स्थिति तब है जब चीन में 8 घंटे काम करने का ही कानून है और सप्ताह में 36 घंटे से अधिक ओवरटाइम नहीं कर सकते। लेकिन इन नियमों का पालन नहीं होता है।